Shikha Arora

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लेखनी कहानी -07-Mar-2022 वार्षिक प्रतियोगिता हेतु - देशप्रेम

दिनांक :- 07/03/२०२२
दिन :- सोमवार

देश प्रेम की भीनी खुशबू , 
फैला जाना हैं , 
दुनिया के लोगों को समझाना हैं |
तिरंगे की शान रखना , 
करना इसका सम्मान सदा , 
देश के दीवानों का तभी तो, 
बेड़ा पार हो जाना हैं |
देश प्रेम की............................ 
जागते रहते सारी रैन दीवाने, 
सारा जहान सो जाता हैं , 
आंखों ही आंखों में इंकलाब का, 
नारा लग ही जाना हैं |
देश प्रेम की............................ 
कहती है दुनिया सारी , 
कब क्या हो जाए सैनिक भारी, 
शहीदों की शहादत का , 
रेला लग जाना हैं |
देश प्रेम की............................ 
सुन लो सारे हम पर  भी, 
रंग इसका चढ़ जाता है , 
तिरंगे को देखकर ऊंचा , 
सीना गर्वित हो जाना हैं |
देश प्रेम की............................ 
मजा चखाता शिकारी को , 
पिंजरे से आजाद कर जाता है , 
कातिलों को दूर भगाके , 
फलक तक ले जाना हैं |
देश प्रेम की............................ 
जीवन में संघर्षों का , 
खात्मा कर जाता है , 
सीमा पर डटकर रक्षा करता , 
सैनिक हमें सिखलाता हैं |
देश प्रेम की............................ 
राष्ट्रप्रेम से बढ़कर कुछ नहीं , 
संविधान हमें बतलाता है , 
आओ मिलकर सम्मान करें , 
न्याय की राह पर चलें, 
इश्क देश से कर जाएंगे अब, 
हमें राष्ट्र के लिए ही मर जाना हैं |
देश प्रेम की............................

वार्षिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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3 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Mar-2022 05:22 PM

बहुत खूबसूरत

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Shrishti pandey

07-Mar-2022 11:44 PM

Nice one

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Swati chourasia

07-Mar-2022 10:21 PM

Very beautiful 👌

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